ईश्वर कहा है और कैसा दिखता है ?

 ईश्वर कहा है और  कैसा दिखता है 

 

अर्थात : - वैदिक ईस्वर की नाभ  अनेक सूर्य लोको की है ,
दोनों  कूल्हे बृहस्पति लोक के थे 
पूछ गतिमान वायु की तरह उससे वह पेड़ो को हिलाता है ।
 ( अथर्वेद 9 : 4 :14 )
 
 
गूदा की  नदियां है , 
त्वचा  सूर्य की धूप है 
पैरो को उठने वाले है ।


( अर्थवेद 9 : 4 : 14 )


* सूर्य सिर है ।
* अग्नि माथा है ।
* वायु आवाज़ है ।
* चन्द्र भेजा है ।
* आकाश ऊपर का जबड़ा है ।

*पृथ्वी नीचे का जबड़ा है ।

* बिजली  जीभ है ।

* नक्षत्र  गला है ।
* तारे कंधे है ।
* चलेने वाला सूरज गोद है ।

* मध्य अवकाश पेट है ।

* बृहस्पति हाथ है ।

* बड़ी दिशा हसली की हड्डियां है ।
* अग्नि , वायु  ओर अपन वायु पसलि कि हड्डिय है ।
* प्राण वायु दोनों कंधे है ।

* बादल लंबी हाथ है ।

* शोधक प्रदार्थ बालो के जुड़ा है ।

* ब्राह्मण तत्व और ष्ट्रीयतत्व  दोनों कुल्ह है ।

* बल दोनों  जांघ है ।
* सविता दोनों  घुटने है ।
  वर्कको दोनों अण्डकोष है ।
😢😢😢😢😢😊😊

* नदी नाडिया है ।

* स्तन बादल है ।

(अथर्वेद 9 : 7 : 1 to 14 )
( ऋग्विद 10 : 190 :3 )
(अथर्वेद 10 : 7 : 3 )




अर्थात: -
हजार सिर वाला ,
हजार आंख वाला ,
हजार पैरों वाला 
वह पृथ्वी उपादान कारण 
ब्रह्याण्ड को सब ओर से 10 सो इद्रियों वाले शरीर को सबसे ऊपर में ठहरा रहता है  ।
( ऋग्वेद 10 : 90 : 1 )

* ये  तो थोड़े ही प्रमाण नही और बहुत कुछ है ?


* क्या तमाशा है  ये वैदिक  ईश्वर है या कोई  प्राणि
आज तक तो ऐसे  प्राणियों की खोज भी  नही होइ है ?

☺️☺️☺️☺️☺️☺️

* ऐसा निराकार  😢😢😢😢😢😢 


* इसलिए कहते है कि वेदिक ईश्वर से डरना चहिय !
( यजुर्वेद 40 : 1 )


*  वह कहा है  ? 


* अर्थात  : - 
एक तीन निर्माण शक्तियों  और  तीन पालन करने वाला को धारण करता  हु ऊपर स्तिथ हुआ  ?

( अर्थवेद 9 : 9 :10 )
(ऋग्विद 1 : 164 :10 )

*उपर कहा है ये वैदिक ईश्वर  अभी तक नासा  वालो को मिला या नही  ?

* कही कोई  यान से टकरा  कर  नीचे तो  नही गिर गया ?



* उत्तर का सूर्य नीचे नीचे गिरता है ।

* सूर्य नीचे नीचे गिरता है , तो उठा लो 
😊😊😊😊😊👌

* जिसके घर शीशे के होते है  ओ दूसरे के घरों  पर  पत्थर नही मारा  करते
 
* हक़ बात( इस्लाम ) कोई जबरदस्ति नही।
Quran(2-256).  

 *पालनहार आज्ञा देता है नेकी का और बेहयाई को नापसंद करता है।(16:90).    
*नसीहत उनके लिए सीधे मार्ग पर चलना चाहे।  
Quran(81:27,28,29)(40:28)
       
* ये मानव तुम लोग पालनहार(अल्लाह) के मोहताज हो और अल्लाह बे-नियाज़ है(सर्वशक्तिमान) है नसीहत वो मानते है जो अक्ल वाले है  
Quran(13:19).     
    
 * और हरगिज अल्लाह को बे-खबर ना जानना जालिमो के काम से उन्हें ढील नही दे राहा है, मगर ऐसे दिन के लिए जिसमे आंखे खुली की खुली राह जांयेंगी। 
Quran(14:42)

*कोई आदमी वह है, की अल्लाह के बारे में झगड़ाता है, ना तो कोई इल्म, ना कोई दलील और ना तो कोई रोशन निशानी। 
Quran(22:8)(31:20)(52:33,34)(23:72)(23:73).                                                      
*कह दो,"सत्य आ गया और असत्य मिट 
गया, असत्य तो मिट जाने वाला ही होता है।
Quran(17:81) 

       
NOTE : -  अल्हम्दुलिल्लाह  जवाब तो हम दे सकते है पर इनके दिमाग मे जंग  लगा है  इसलिए जो जैसी भाषा समझता है उसे वैसे ही समझना पड़ता है 



* इस लेख का मकसद किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नही बल्कि उन इस्लाम विरोधी को जवाब देना है  जो खुद की धार्मिक गर्न्थो की मान्यता को नही जानते और इस्लाम और मुसलमानों के ऊपर तानाकाशी करते है।

 

 
 

 

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